यदि हम भौतिक विज्ञान के आधार की
बात करे तो वह न्यूटन के गति के नियमो से ही शुरू होती हैं | क्योंकि भौतिक
विज्ञान में न्यूटन के नियमो के आधार पर ही बहुत से आविष्कार हुवे हैं | इसलिए
इन्हें physics की फाउंडेशन कहा जाये तो कोई दो राये नहीं हैं | इस लिए आज की इस पोस्ट में हम न्यूटन के गति
सम्बन्धी तीनो नियमो के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे | इस पोस्ट में हम
जानेंगे बल तथा गति के नियम ,गति के नियम class 11 ,गति के तीनो नियम के
सूत्र गति के तीन नियम कोन से हैं
न्यूटन के तीनो नियम क्या हैं आदि |
गति के नियम ?
गति का प्रथम नियम (जड़त्व का नियम )
गति के प्रथम नियम के उदाहरण
गति का दूसरा नियम ?
गति के दूसरे नियम के उदाहरण ?
गति का त्रितीय नियम (क्रिया प्रति क्रिया का नियम )
गति के त्रितीय नियम के उदाहरण ?
गति के नियमो के आधार पर तैरने के
क्रिया को समझाइए ?
गति का प्रथम नियम (जड़त्व का नियम )
गति के प्रथम नियम
की शुरुआत न्यूटन से पहले के वैज्ञानिक गैलिलिओ से शुरू होती हैं | गलीलियो से
पहले वैज्ञानिको का मानना था कि यदि किसी वस्तु को गतिमान रखना हैं तो उस पर एक बल
हमेशा लगा रहना चाहिए इसलिए उनका मानना था की वस्तु की विराम आवस्था ही उसकी
स्वाभाविक आवस्था हैं | अपने इस विचार की पुष्टि करने के लिए उन्होंने एक विचार
प्रस्तुत किया | इस प्रयोग में उन्होंने एक क्षितिज तल में एक गुटका रखा अब इसे
हाथ से धक्का देकर किसका दिया हाथ हटा लेंगे के कारण गुटका धीरे धीरे धीमा पड़ता
गया और अंत में रुक गया इससे उन्होंने निष्कर्ष निकाला की यदि किसी वस्तु को
गतिमान रखना हैं तो उसपर बल लगाये रखना होगा | लेकिन गेलिलियो ne इस बात को मानने
से इनकार कर दिया और कहा यदि हम गुटके और तल को और अधिक चिकना कर दे अर्थात गुटके और तल के बीच के घर्षण को कम कर
दे तो गुटका अधिक समय तक गतिमान रहता हैं |
इससे उन्होंने एक तर्क रखा यदि हम घर्षण को बिलकुल ख़त्म कर दे तो गुटका सदैव चलता
रहेगा | इसे चलाये रखने के लिए किसी बाहरी बल की आवशयकता नहीं होगी इस प्रकार गैलिलिओ ne विचार रखा कि यदि किसी
पिंड को एक बार वेग दे दिया जाये तो जब तक उसपर कोई बाहरी बल नहीं लगेगा तब तक
उसके वेग में कोई परिवर्तन नही होगा | इसके लिए उन्होंने एक प्रयोग किया
गैलिलियो का प्रयोग ?
इसमें एक चिकने तल
BC पर दो ढालू व चिकने तल AB व CD लगे हैं | इसमें से तल AB व BC स्थिर हैं |
परन्तु CD को विभिन्न ढालो पर स्थिर किया जा सकता हैं | जब एक चिकनी गोली को तल AB पर लुढ़काते हैं तो
यह तल BC से होती हुई तल CD पर उसी उचाई तक जाती हैं | जिस ऊंचाई से इसे AB से
लुढकाया गया था तल AB पर लुढ़काते समय गोली पर गुरुत्व बल लगता हैं जो इसके वेग में
वृद्धि कर देता हैं जबकि CD पर यही गुरुत्वीय बल गोली के वेग को कम करता हैं यदि
हम CD के ढलान को कम करते है हम देखते हैं की गोली को h ऊंचाई तक जाने के लिए पहले
से ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती हैं | गैलिलियो ne निष्कर्ष निकाला कि यदि CD की ढलान
को शून्य कर दिया जाये तो गोली इस तल पर अनंत तक चलती जाएगी इस दशा में CD क्षेतिज
हो जायेगा और गुरुत्व बल का इसपर कोई प्रभाव नही पड़ेगा |
किसी वस्तु की गति की अवस्था में तब तक कोई परिवर्तन नही होता हैं जब तक कि उस
पर कोई बाह्य बल ना लगाया जाये |
इस नियम को गैलिलियो का
जड़त्व का नियम कहते हैं |
न्यूटन का गति सम्बन्धी प्रथम नियम ?
गैलिलियो के जड़त्व
सम्बन्धी नियम को वैज्ञानिक न्यूटन ne निम्नांकित शब्दों में प्रस्तुत किया यही
न्यूटन का गति विषयक प्रथम नियम कहलाता हैं |
यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी और यदि वह
वस्तु गति की अवस्था में है तो वह गति की अवस्था में ही रहेगी जब तक की उस पर कोई
बाह्य बल न लगाया जाये |
बाह्य बल के आभाव में किसी
वस्तु में अपनी विराम अवस्था अथवा एक सामान गति की अवस्था को बनाये रखने की
प्रवृति होती हैं अर्थात प्रत्येक वस्तु में उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन के
विरोध का गुण होता हैं इस प्रकार जड़त्व दो प्रकार का होता हैं
1.
विराम जड़त्व
2.
गति का जड़त्व
विराम जड़त्व
किसी वस्तु में उसकी विराम
अवस्था में परिवर्तन का विरोध का गुण विराम जड़त्व कहलाता हैं |
उदाहरण –
·
ठहरी हुई मोटर या रेलगाड़ी
में बैठे यात्री उसके अचानक चलने पर पीछे की ओर गिरते हैं |
·
कम्बल को हाथ में पकड़कर
डंडे से पीटने पर धूल के कण झड कर गिर जाते हैं |
·
खिड़की के कांच में बन्दूक
की गोली मारने पर उसमे एक स्पष्ट गोल छेद बन जाता हैं इसके विपरीत यदि उस कांच पर
किसी हतोड़ी से हलकी चोट मारी जाये तो वह चटक जाता हैं |
·
पेड़ की डाल हिलाने पर फल
नीचे गिर पड़ते हैं | किसी शीशे पर रखे गत्ते को अचानक हटा देने पर उस पर रखी गेंद
शीशे में गिर जाती हैं |
गति का जड़त्व
किसी वस्तु में उसकी
गति अवस्था में परिवर्तन के विरोध के गुण को गति का जड़त्व कहते हैं |
उदाहरण –
चलती हुई रेलगाड़ी के अचानक रुकने पर उसमे बैठे यात्री आगे की और झुक जाते हैं·
चलती गाडी से उतरने के लिए मनुष्य को बाद में गाडी की दिशा में उसके साथ कुछ दूर तक अवश्य दोड़ना पड़ता हैं अन्यथा वह गिर जाता हैं
·
जब हतोड़े के हत्ते का निचला
सिरा पृथ्वी पर मारा जाता हैं तो हतोड़े का ऊपरी सिरा हत्ते में और अधिक गुस जाता
हैं |
·
चलती रेल में गेंद को ऊपर
उछालने पर गेंद फिर उसी स्थान पर लोट आती हैं
·
चलती ट्राली को अचानक रोकने
से उस पर रखी वस्तु कभी कभी गिर जाती हैं |
गति का दूसरा नियम ?
“किसी वस्तु में संवेग परिवर्तन की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के
अनुक्रमानुपाती होती हैं” इस नियम को इस तरह भी लिखा
जा सकता हैं “किसी वस्तु पर लगने वाला बल F उस वस्तु के द्रव्यमानM तथा त्वरण a
के गुणनफल के बराबर होता हैं “
F = ma
इस नियम के उदाहरण –
·
क्रिकेट के खेल में खिलाडी
तेज़ी से आती हुई गेंद को पकड़ते समय अपने हाथ पीछे की और खिचता हैं |
·
पक्के फर्श पर कूदने की अपेक्षा में कच्चे फर्श , रेत
या बालू पर कूदने में कम चोट लगती हैं
·
सर्कस का कलाकार बहुत ऊंचाई
से नीचे तानी हुई जाली पर कूदता हैं जब पैर जाली पर पड़ते हैं तो वह नीचे धस जाती
हैं | अतः पैरो को स्थिर होने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता हैं |
·
चीनी मिटटी के बर्तन या कांच
का गिलास यदि पक्के फर्श पर गिरता हैं तो उसके टूटने की सम्भावना अधिक होती हैं
परन्तु जब वह कच्छ फर्श पर गिरता हैं तो वह प्रायः नही टूटता हैं कच्चा फर्श
मुलायम होता हैं और बर्तन के गिरने पर उसके साथ थोडा सा नीचे धस जाता हैं |
·
कांच या चीनी के बर्तनों को
ट्रांसपोर्ट द्वारा दूर स्थान पर ले जाने के लिए पैकिंग करते समय उन्हें घास एवं
कागज़ के टुकडो में लपेट कर एक दुसरे से अलग करके रखते हैं | जिससे सामान बिना टूटे निर्धारित स्थान पर
सुरक्षित पहुँच जाये |
·
मोटर साईकिल , स्कूटर आदि
स्वचालित वाहनों में शोक एब्जार्बर लगाये जाते हैं इनकी रचना ऐसी होती हैं की जब
वाहन खराब सड़क पर चलता हैं तो झटका लगने पर आघात का समय बढ़ जाता हैं अतः सवार को
अधिक झटका महसूस नही होता हैं |
गति का त्रितीय नियम (क्रिया प्रति क्रिया का नियम )
इस नियम के अनुसार जब
कभी कोई एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती हैं तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु
पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती हैं | इस कारण इस नियम को क्रिया प्रति
क्रिया का नियम भी कहते हैं |
माना दो वस्तुए A
तथा B हैं जो एक दूसरे पर बल आरोपित कर रही हैं | माना की वस्तु A पर B द्वारा
लगाया गया बल Fab हैं तथा वस्त B पर A द्वारा लगाया गया बल Fba है जो की एक दूसरे
के विपरीत हैं |
न्यूटन क तीसरे नियम
के अनुसार
Fab = - Fba
उदाहरण –
·
कुवे से पानी खींचते समय
रस्सी टूट जाने पर हम पीछे को गिर जाते हैं
·
अधिक ऊंचाई से कूदने पर
एडियो में अधिक चोट लगती हैं |
·
बन्दूक से गोली चलाने पर
पीछे की और धक्का लगता हैं |
·
नाव से नदी के किनारे पर कूदते
समय पैर नाव को पीछे की और धकेलते हैं इससे नाव झटके से पीछे की और चलती हैं और
प्रति क्रिया बल से हमें आगे की और धक्का देती हैं जो कूदने में सहायक होती हैं |
·
राकेट में ज्वलनशील ईंधन को
जलाकर गैसे उत्पन्न की जाती हैं जो पाइप से होकर नीचे की और तीव्र गति से निकलती
हैं गैसों के इस प्रकार तीव्र गति से निकलने के कारण राकेट पर ऊपर की और एक उछाल
लगता हैं जिससे राकेट ऊपर उठता हैं |
·
मनुष्य जब चलते है तो पहले
पृथ्वी पर अपने पैरो से बल लगते हैं जिस कारण पृथ्वी भी मनुष्य पर विपरीत दिशा में
उतना ही बल लगाती है जिस कारण हम चल पाते हैं |
·
जब किसी गेंद को दिवार पर
मारा जाता हैं तो जितना बल गेंद दीवार पर लगाती हैं उतना ही बल दीवार भी गेंद पर
लगाती हैं जिस कारण गेंद वापस लोट आती हैं |
गति के नियमो के आधार पर तैरने के क्रिया को समझाइए ?
पानी तैरना गति के
तीसरे नियम का उदाहरण हैं जब हम पानी में अपने हाथो से पानो को पीछे की और धक्का
देते हैं तो पानी भी प्रति क्रिया बल हमारे ऊपर लगता है जिस कारण हम तैर पाते हैं
|
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