Helo दोस्तों कैसे हो आप सब ?
उम्मीद करते है की आप
खैरियत से होंगे |
दोस्तों आप और हमने
अपनी स्कूली education में तत्व शब्द कई बार सुना है क्योंकि तत्व स्कूली
education में chemistry का एक बेहतरीन टॉपिक है | लेकिन हमें स्कूल में सिर्फ
तत्व के बारे सिर्फ पढाया जाता है इनके practicaly क्या क्या use है वो बहुत ही कम
बताया जाता है | इसलिए आज की इस पोस्ट में हम तत्व से रिलेटेड सभी जानकारी को आपके
साथ शेयर करने जा रहे है | इस पोस्ट के जरिये से हम जानने वाले है कि तत्व क्या होते है ? तत्व कितने प्रकार के होते है ? इनकी
पहचान कैसे होती है ? संक्रमण तत्व क्या है ? धातुएं क्या हैं ?
अधातु क्या है ? उपधातु क्या है ? पोषक तत्व किसे कहते है ? प्रारूपिक
तत्व किसे कहते हैं? प्राकृतिक तत्व किसे कहते हैं ? पुरातत्व किसे
कहते है
इन सभी के बारे में जानने
वाले है |
तत्व क्या होते है ?
तत्व कितने प्रकार के होते
है ?
संक्रमण तत्व क्या है ?
धातुएं क्या हैं ?
अधातु क्या है ?
उपधातु क्या है?
तत्वों की पहचान कैसे होती
है ?
प्राकृतिक तत्व किसे कहते
हैं ?
तत्व क्या होते है ?
हमारे आस पास की सभी
चीजे जो हम देख सकते वो सभी तत्व से बनी होती है | सोना चाँदी बहुत ज्यादा बेहतरीन
आभूषण है लेकिन क्या आपको पता है सोना चाँदी भी तत्व है | ऐसे ही कई सारे example
हमारी daily life में है जिन्हें हम use करते है वो सभी तत्व है हमारे घरो में
electricity पहुचाने वाली तारे भी तत्व से बनी है | हमारे घरो में इस्तेमाल
किये जाने वाले बर्तन भी तत्व से बने होते है | आज के समय में 112 या 118 तत्व
ज्ञात है जिनमे आपस में भिन्नताए पाई जाती है | और सभी को अलग अलग नाम से पुकारा
जाता है | जैसे hidrogen ,helium lethium , berilium ,boron ,carbon ,nitrogen
,oxygen ,fluorine ,neon ,sodium, magnesium,alumium, silicon, phosphorus,
sulphur, chlorine, argon आदि ऐसे ही 100 तत्व और है जिनको अलग अलग नाम से पुकारा
जाता है |
जहाँ तत्व को रखा
जाता है उसे आधुनिक आवर्त सारणी कहते है | सभी तत्व एक दुसरे से भिन्न होते
है इसलिए इस सारणी में इन तत्वों को कैसे रखा जाये किसको पहले रखा जाये और किसको
बाद में रखा जाए शुरुआत में इन सवालों ne बहुत से परेशानिया कड़ी कर दी थी |
आधुनिक आवर्त सारणी
से पहले बहुत से वैज्ञानिको ne तत्व के वर्गीकरण के लिए अपने विचार पेश किये थे |
जैसे
डोबेराइनर त्रिक
तत्वों को वर्गीकृत
करने के लिए डोबेराइनर ne 1829 इसवी में अपने point of view से कहा कि| तत्वों का
वर्गीकरण तीन के समूहों में किया जाए जिन्हें त्रिक कहते है | तीनो त्रिक में तत्व
के गुणधर्म सामान होते है | तथा मध्य के तत्व का परमाणु भार अन्य दो तत्व के
परमाणु भारो का अंकगणित माध्य होता है |
डोबेराइनर का त्रिक
विचार महत्वहीन हो गया क्योंकि केवल कुछ तत्व ही इन त्रिको में आ सकते है | लेकिन एक बिंदु स्पस्ट हो गया की
तत्व के कुछ गुण परमाणु द्रव्यमानो से सम्बंधित होते है |
लोथर मेयर व्यवस्था
1869 इसवी में लोथर
मेयर ने परमाण्विक आयतन तथा परमाण्विक द्रव्यमान के मध्य ग्राफ खीचा उन्होंने
प्रेक्छित किया की सामान गुणों वाले तत्व वक्र पर सामान स्थान घेरते है | खिचे गए
वक्र के आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला की “ तत्वों का परमाण्विक आयतन उनके
परमाण्विक द्रव्यमानो का आवर्ती फलन होता है |
मैंडलीफ की आवर्त सारणी
रुसी रसायनग्य
डिमित्री इवानोविच मैंडलीफ को मूल नियम प्रतिपादित करने का श्रेय जाता है जिससे आवर्त सारणी का विकास हुआ | इन्होने अपने
समय तक ज्ञात तत्वों को बढ़ते परमाणु द्रव्यमानो के क्रम में एक सारणी में रखा जिसे
आवर्त सारणी कहते है |
मैंडलीफ की आवर्त
सारणी के अनुसार “ तत्व के भौतिक तथा रासायनिक गुण इनके परमाणु द्रव्यमानो के
आवर्ती फलन होते है इसका तात्पर्य है कि जब तत्व को उनके परमाणु द्रव्यमानो के
बढ़ते क्रम में रखा जाता है तो तत्व से तत्व तक इनके गुणों में निश्चित क्रम में
विविधता पाई जाती है | लेकिन निश्चित समय अन्तराल के पश्चात समान गुणों वाले तत्व
की निश्चित अन्तराल के पश्चात् आवर्तिता होती है |
आधुनिक आवर्त सारणी
रेडियोएक्टिवता,
परमाणु नाभिक, समस्थानिको तथा सम्भारीको की खोज के पश्चात् यह स्थापित हुआ की
परमाणु क्रमांक तत्व को मूल गुण होता है | न की परमाणु द्रव्यमान परमाणु द्रव्यमान
किसी तत्व के नाभिक के अन्दर उपस्थित प्रोटोनो की संख्या के बराबर या नाभिक के
चारो और उपस्थित एलेक्ट्रोनो की संख्या के बराबर होता है | चुकी तत्व के रासायनिक
तथा भौतिक गुण इलेक्ट्रोनो की संख्या तथा इनकी अवस्था पर निर्भर करते हैं| इसलिए
तत्व का वर्गीकरण परमाणु क्रमांक के आधार पर होना चाहिए |
आधुनिक आवर्त नियम
के अनुसार तत्वों के भौतिक तथा रासयनिक गुण इनके परमाणु क्रमंको के आवर्ती फलन
होते हैं |
तत्व कितने प्रकार के होते है ?
आवर्त सारणी में
तत्व को 4 भागो में बांटा जाता हैं |
S –ब्लॉक के तत्व
वे तत्व जिनके
परमाणु में अंतिम इलेक्ट्रोन बाह्यतम उर्जा कोश के s कक्षक में प्रवेश करता हैं s
ब्लॉक तत्व कहलाते हैं इन्हें समूह 1 तथा 2 के तत्व भी कहते हैं | समूह 1 के तत्व
क्षार धातुए कहलाते हैं | समूह 2 के तत्व क्षारिय मृदा धातुए कहलाती हैं जैसे समूह 1 ( लिथियम ,sodium ,पोटेशियम )
समूह 2 (magnesium,कैल्सियम,strontium)
P – ब्लॉक के तत्व
वे तत्व जिनके
परमाणुओं में अंतिम इलेक्ट्रोन p कक्षक में जाता हैं | p ब्लॉक तत्व कहलाते हैं |
समूह 13 से 18 तक के सभी तत्व p ब्लॉक तत्व हैं | p ब्लॉक तत्व में धातु ,अधातु
तथा उपधातु सम्मिलित हैं |
D- ब्लॉक के तत्व या संक्रमण तत्व क्या है ?
वे तत्व जिनमे अंतिम
इलेक्ट्रोन बाह्यतम से पिछले कोश की d कक्षको में प्रवेश करता हैं | d ब्लॉक तत्व
कहलाते हैं | इन्हें सामान्यतया संक्रमण तत्व भी कहते हैं d ब्लॉक के सभी तत्व
धातु हैं |
f- ब्लॉक के तत्व
वे तत्व जिनके
परमाणुओं में अंतिम इलेक्ट्रोन f कक्षक में प्रवेश करता हैं f ब्लॉक तत्व कहलाते
हैं f ब्लॉक तत्व को दो श्रेणियो में रखा जाता हैं पहली श्रेणी तत्व 58 से 71 तक
में कुल 14 तत्व हैं जिन्हें लेनथेनाइड श्रेणी कहते हैं | दूसरी तत्व 90 से 103 तक
में कुल 14 तत्व हैं जीने एक्टिनाइड तत्त्व कहते हैं f ब्लॉक तत्व को रेडियोएक्टिव
तत्व भी कहते हैं |
धातुएं क्या हैं ?
धातुए वे कहलाती हैं
जिनमे आघातवार्धन्यता ,तन्यता के गुण पाए जाते हैं इन्हें पीटकर पतली महीन चादरों
में बदला जा सकता हैं तथा इनकी लम्बी लम्बी तारे खिची जा सकती हैं | धातुए कहलाती
हैं |
अधातु क्या है ?
जिनमे आघातवार्धन्यता
,तन्यता के गुण नहीं पाए जाते है तथा भंगुर होती हैं अधातु कहलाती हैं |
उपधातु क्या है?
वे तत्व जिनमे धातु तथा
अधातु दोनों के गुण पाए जाते हैं उपधातु कहलाती हैं |
तत्वों की पहचान कैसे होती है ?
तत्व की पहचान उनके
भौतिक तथा रासयनिक गुणों के आधार पर की जाती हैं |
प्राकृतिक तत्व किसे कहते हैं ?
प्रकृति से प्राप्त
होने वाले तत्व को प्राकृतिक तत्व कहते हैं | आवर्त सारणी में 94 तत्व हैं जिनको
प्रकृति से प्राप्त किया जाता हैं |
निष्कर्ष
इस लेख तत्व क्या होते
है ? में हमने आपको तत्व से रिलेटेड
सभी जानकारी दी हैं यदि कोई टॉपिक छुट गया हो या अब भी आपको कोई डाउट हो तो आप
हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हम निश्चित ही आपके प्रश्न के जवाब देंगे और इस
लेख को शेयर करना मत भूलना हम मिलते है आपसे अगले
बेहतरीन लेख में तब तक के लिए अलविदा ....
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